नीमसराय के कैलाश मंडलेकर काे राष्ट्रीय शरद जाेशी सम्मान व्यंग्य की 7 किताबें हाे चुकी हैं प्रकाशित,मिले हैं कई सम्मान,नाटकाें मे भी किया है अभिनय
व्यंगकार कैलाश मंडलेकर को राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान
हरदा। जिले के ग्राम नीमसराय निवासी प्रख्यात व्यंग्यकार कैलाश मंडलेकर काे वर्ष 2019-20 के व्यंग्य लेखन का राष्ट्रीय शरद जाेशी शिखर सम्मान से नवाजा जाएगा। मप्र शासन साहित्य एवं संस्कृति विभाग ने बुधवार देर शाम इसकी घाेषणा की। मंडलेकर की अभी तक 7 किताबाें का प्रकाशन हाे चुका है। व्यंग्य लेखन के लिए उन्हें पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं। वे बीएनएनएल में 38 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए हैं। -- मप्र शासन संस्कृति विभाग ने बुधवार काे प्रतिष्ठित सम्मानाें की घाेषणा की। इसमें साहित्य ,संस्कृति सिनेमा,सामाजिक समरसता सदभाव अादि बहुआयामी क्षेत्राें में उत्कृष्टता सृजनात्मक और बहु उल्लेखनीय याेगदान काे सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2019-20 के लिए बीते दिनाें भाेपाल,मुंबई व दिल्ली में बैठकें हुई। चयन समिति ने उत्कृष्टता के आधार पर संस्था,कलाकार,लेखक साहित्यकार का चयन किया। 21 लाेगाें के नाम हैं। इनमें शरद जाेशी राष्ट्रीय शिखर सम्मान के लिए कैलाश मंडलेकर काे चुना गया। उन्हें 2 लाख रुपए नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
30 साल से देश के कई प्रादेशिक व राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में निरंतर व्यंग्य लेखन जारी है। आलोचना के क्षेत्र में उनका गंभीर हस्तक्षेप है। बेहद चर्चित कॉलम " तिरफ़ेंक " में बीते 3 साल से लगातार व्यंग्य लिख रहे हैं। हिंदी रंगमंच कला समूह में सक्रिय भागीदारी है। दुलारी बाई और बाप रे बाप आदि नाटकों में उत्कृष्ट अभिनय भी किया। आकाशवाणी इंदौर के बहुचर्चित पत्रिका कार्यक्रम में कई वर्षों तक व्यंग्य पाठ किया। मप्र शासन द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में पं.माखनलाल चतुर्वेदी के कृतित्व पर शोध परक प्रस्तुति दी। अब तक व्यंग्य की 5 कृतियां छप चुकी हैं। छटवां व्यंग्य संग्रह (आई ग्रीष्म चोर घर आए ) प्रकाशनाधीन है। लगभग 15 व्यंग्य संग्रहों में सह लेखक के रुप में भी भागीदारी निभाई। इनके अलावा अभी खुली सड़क पर,सर्किट हाउस पर लटका चांद ,एक अधूरी प्रेम कहानी का दुखांत,लेकिन जांच जारी है ,बाबाओं के देश में ,आई ग्रीष्म चोर घर आए शीर्षक से प्रकाशित हाे चुकी है।