कविता- कोरोना महामारी

       कोरोना महामारी

के पी चौरे अध्यक्ष कतिया समाज इटारसी


सुबह  से  शाम  तक  एक  ही  चर्चा  थी ।

टेलीविजन में वह घटनाएं प्रत्यक्ष देखी थी।

देश  विदेश  के  सारे  समाचार  पत्रों  पर ।

कोरोना  की रंग बिरंगी  तस्वीर छपी  थी।।१।।

    गांव  से शहरों  तक, नगरों से  महानगरों तक ।

    घर से दुकान तक ,ऑफिस से अस्पताल तक ।

    मंदिर  से मस्जिद तक, चर्च  से  गुरुद्वारा तक ।

    कोरोना  से  मृत्यु  की  खबर  छपी  थी।। देश,,,

ट्रेन  बंद , बसे  बंद , हवाई  जहाज  बंद ।

पनडुब्बियों बंद,मोटर बंद ,साइकिल बंद।

आना बंद ,जाना बंद ,होटलों में खाना बंद।

चौक चौराहों पर, कोरना की तस्वीर छपी थी।। देश,,,

  सर्दी ,खांसी  और बुखार ,हर घर में तीन चार।

  कोरोना ,एक्सरा जांच की, लंबी लंबी कतार ।

  अस्पतालों  में  दवाइयों  का  था  ना  भंडार।

  दवा पर उत्पादन और एक्सपायरी छपी थी।। देश,,,

सब्जी ,दूध , किराना  घर  पर  आता  था।

घर से कोई, बाहर निकलने नहीं पाता था।

दो माह के लिए  लॉकडाउन और  बढ़ेगा ।

यह खबर सबने सारे न्यूज़ पेपर में पड़ी थी। देश,,,

    कारखानों में काम नहीं ,मजदूरों को विश्राम नहीं।

    भीषण  तपती  धूप में छांव का नामोनिशान नहीं।

  ‌  सिर  पर बोझा और  बीवी  बच्चे  लेकर भाग रहे।

    भूखे प्यासे रात दिन  यह  घटना  घटी  थी।। देश,,,

कोई बस से कोई ट्रक से कोई ट्रेन के आगे आगे थे।

कोई मुंबई से गुजरात से दिल्ली बिहार को भागे थे।

चलते चलते सांसे रुकी बसें ,ट्रैक्टर, ट्राली पलटी।

रेलवे ट्रैक पर ,कई मजदूरों की, लाशें बिछी थी।। देश,,,

   गरम डामर और गिट्टी से पैरों में पड़ गए छाले।

   धूप में चलते-चलते सबके चेहरे हो गए काले।

  जैसे तैसे कुछ घर पहुंचे कुछ स्वर्ग सिधार गए।

 यह मंजर देख सबको घर जाने की रट लगी थी।।देश,,, 

अस्पतालों में ऑक्सीजन,वेंटीलेटर की कमी थी। 

कुछ  को पलंग मिला , कुछ को फर्श  मिली  थी।

 कुछ  ठीक हो गए  कुछ ईश्वर को  प्यारे  हो गए ।

जो स्वर्गवासी हो गए उनकी फोटो छपी थी।।देश,,,

    सबके चेहरे पर मास्क और दो गज की दूरी।

    कोरोना से बचने को ,यह था बहुत जरूरी ।

    बार-बार हाथ धोकर सैनिटाइजर किया था। 

    डॉक्टर ने गर्म पानी पीने की बात लिखी थी।। देश,,,

बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं ।

देश में सभी को कोरोना  वैक्सीन लग गई है ।

और छोटे बच्चों को भी शीघ्र  लगने वाली है ।

कोरोना  महामारी  सबके शरीर में  छिपी थी।। देश,,,

  तुलसी पत्ता लोंग अदरक काली मिर्च का काढ़ा पियो। 

  सारी  बीमारी   भाग   जाएगी   प्रसन्नता से   जियो।  

 सुबह उठो योगा करो दौड़ लगाओ और करो ध्यान।

"चौरे"आयुर्वेद की पुस्तकों में यह दवा छपी थी।। देश,,,

कवि - के पी चौरे 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.