चिंतन दोहावली सामाजिक एकता के दोहे

 चिंतन दोहावली

    सामाजिक एकता के दोहे

                  रामस्वरूप मौर्य  पीतमपुर

कतिया विचार एक करो, पकड़ो एकता की डोर।

साथ सभी को लेकर, बडो सफलता की और।


कतिया किसी से कम नहीं, खुद को ले पहचान।

छोड़ अपनो की ही बुराई, हो जायेगा तेरा कल्याण।


कतिया मास्टर कतिया डाक्टर, है पुलिस और वकील

कतिया राजनीति की ओर बडो, कतिया को बनाओ काबिल।


दिन बहुत ही बडा़ है, अभी अभी ही हुई है भोर।

उठकर तु दौड़ लगा ले, राजनीति मंजिल की और।


शिक्षा में कतिया कम नहीं, समझदारी मे है कोई कमी।

क्यों अंतरजातीय शादी हो रही, अपनों को पहचानता नहीं

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