शिक्षक दिवस पर कतिया समाज ने किया वरिष्ठ शिक्षकों का किया सम्मान,श्री मंडलेकर ने कहा कि- सामाजिक उन्नति में अपना योगदान देना अपने गुरूओं का सम्मान ही है !

 

श्री मंडलेकर ने कहा कि- सामाजिक उन्नति में अपना योगदान देना अपने गुरूओं का सम्मान ही है ! 

शिक्षक दिवस पर कतिया समाज ने किया वरिष्ठ शिक्षकों का किया सम्मान

 सिराली - कतिया समाज सिराली द्वारा शिक्षक दिवस पर चारूवा रोड स्थित राजपूत छात्रावास सिराली में आयेाजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षता शिवप्रसाद मलाहरे ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के उपकारों को स्मरण कर उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर को कहा । री मलहारे ने कहा कि डॉ राधाक्रष्णन से यह सीखना चाहिए की एक शिक्षक से देश के शिक्षक बने राष्ट्रपति बन देश के प्रथम व्यक्ति बने। कार्य का शुभरम्भ डॉ राधाक्रष्णन एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण से किया गया। 
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अशोक लखोरे कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर  को आंध्र प्रदेश के शिरोमणि गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। देश में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।




     आखा जी भाना जी जन कल्याण समिति सिराली के अध्यक्ष गोपाल ढोके ने कहा कि कतिया समाज को नई दिशा देने वाले समाज के शिक्षकों का सम्मान करना हमारे लिए गौरव का विषय है। गुरूजनों द्वारा हमारे वर्ममान व भावी आदर्श जीवन निमार्ण के लिए दी गई शिक्षा और सामाजिक उपकारों के लिए यह हमारी सामजिक जिम्मेदारी के साथ नैतिक कर्तव्य भी है। क्योंकि समाज को नई दिशा देने का कार्य गुरूजनों द्वारा ही होता है। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त सामाजिक शिक्षकों द्वारा नवनिर्वाचित समिति के अध्यक्ष श्री ढोके सहित नई समिति कार्यकर्ताओं व सदस्यों द्वारा शिक्षकों द्वारा सम्मान किया गया।

बिना गुरू के ज्ञान नहीं

    समाज के वरिष्ठ समाजसेवी एवं आखा जी भाना जी जन कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष खुशियाल मंडलेकर ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति के लिए गुरु का होना बहुत आवश्यक है। बिना गुरू के ज्ञान नहीं हो सकता।

     श्री मंडलेकर ने आगे कहा कि हमारे जीवन में प्रतिपल कोई न कोई ज्ञान देने वाला हमारा मार्गदर्शन करने वाला प्रेरक मार्गदर्शक अवश्य होता है। उनके प्रति कृतज्ञ होना और उनकी  शिक्षा को आत्सात कर पारिवारिक व सामाजिक उन्नति में अपना योगदान देना अपने गुरूओं का सम्मान ही है। 

  आयोजन में वरिष्ठ शिक्षक जी आर चौरसिया ने कहा कि व्यक्ति स्वयं कुक्ष नहीं उसकी पहचान उसके उत्तम विचार ही है जो उसके व्यक्तित्व से उसेे महान बनाते है। विचारधारा समय के साथ बदलती जाएगी तो समाज का विकास होता जाएगा।  

    समाज के नवनिर्वाचित सिराली समिति के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आयोजन में  शिक्षकों को पुष्पहार सहित शाल, श्रीफल और के साथ आत्मीय कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सामाजिक शिक्षकों का सम्मान किया। 

    इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी खुशियाल मंडलेकर, जी .आर  चौरसिया , हरविंद्र रामकुचे, लक्ष्मीनारायण उमरिया, रामनिवास मंडलेकर, निर्भय दास दूधवाल, सत्यनारायण चंदेले, राजेश धार्मिक, कमल दास कुलाहरे, श्रीमती कांता कुल्हारे, राजेश कुलहरे, हरगोविंद  चौरे, रामचरण सूर्यवंशी, लखनलाल बिल्लोरे, रामअवतार गुर्जर भोज, लखन लाल सांगोले का समाज के कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

     आयोजन में युवा कार्यकर्ता अजय मंडलेकर, भागवत ढोके, रमेश चंद्र,  अमृतलाल काजवे, राधेश्याम नागराज, हेमराज, गोविंद चौरे, माखनलाल लाखोंरे , हीरालाल घाटे ,विष्णु प्रसाद मलहरे, योगेश ढोके, पूरण मंडलेकर, रोहित मलाहरे, अनिल घाटे, पूनम घाटे ,दयालु घाटे, कुलदीप, संदीप चंद्रशेखर घाटे मनोहर घाटे सतीश रामकूचे , वीरेंद्र सहित  समाज के सामाजिक कार्यकर्ता व स्वजन उपस्थित रहे।


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