एससी एसटी के साथ दोयमदर्जे का व्यवहार क्यों एससी एसटी की शांतिपूर्ण न्याय यात्रा को रोकने पुलिस प्रशासन ने झोंक दी पूरी ताकत

  एससी एसटी के साथ दोयमदर्जे का व्यवहार क्यों

एससी एसटी संगठनों की शांतिपूर्ण की न्याय यात्रा को रोकने पुलिस प्रशासन ने झोंकी ताकत

- प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम सौपा ज्ञापन

- एससी एसटी से भेदभाव कांग्रेस की पदयात्रा बीजेपी के भीड़ वाले आयोजन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की रैली पर प्रशासन कोई एतराज नहीं

हरदा - राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ और अन्य संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को हंडिया से हरदा के निकली जानी थी। यात्रा को किसी भी तरह हरदा न पहुंचने देने से पहले ही कुचलने के लिए पुलिस प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में पूरी ताकत झोंक दी। हंडिया में रिद्धनाथ मंदिर से पूजन कर रैली एक किमी ही निकल पाई थी तभी थाना प्रभारी सीएस सरियाम ने दल बल के साथ पेट्रोल पंप के पास हाईवे किनारे रैली को रोक दिया।  तहसीलदार अर्चना शर्मा ने लिखित अनुमति नहीं होने का हवाला देकर रैली आगे नहीं जाने दी। न्याय अधिकार यात्रा को हंडिया पुलिस व प्रशाशन के कड़े दबाव के कारण रुकना पड़ा।


रोकेजाने पर संगठन के जिला अध्यक्ष राहुल पवारे ने कहा कि जिम्मेदार अधिककरियीं को हमने लिखित सूचना दी है।  प्रशासन सभी से आवेदन लेता है लेकिन लिखित अनुमति किसी को नहीं दी जाती।  बीते कुछ दिनों के दौरान ही भाजपा कांग्रेस और अन्य संगठनों के जिले भर में कार्यक्रम, विरोध प्रदर्शन और रैलियां हुई हैं। जिसमें अधिकारियों ने लिखित अनुमति की जांच करना जरूरी नहीं समझा। क्योंकि यह मामला भाजपा के जिलाध्यक्ष अमर सिंह मीणा के बेटे नितिन मीणा द्वारा आरक्षित वर्ग के दंपत्ति से की गई मारपीट के मामले में गिरफ्तारी न होने के विरोध में था इसलिए पुलिस को सारे नियम कायदे याद आ गए। पुलिस प्रशासन के भेदभाव पूर्ण रवैया से नाराज लोग बिफर गए। यहां पुलिस प्रशासन ने न्याय यात्रा को निरस्त करने के लिए बेहद दबाव बनाया।

 लगभग 4 घंटे  रुकी रही रैली- संगठन की रैली सैकड़ों सामाजिक लोगों के साथ पेट्रोल पंप तक पहुंची थी।यहां 10 बजे अधिकारियों ने पुलिस की मदद से सभी को रोक लिया। रैली का नेतृत्व कर रहे राहुल पवारे ने बताया कि दोपहर 2 बजे तक पुलिस रैली निरस्त करने के लिए लगातार दबाव बनाती रही। साथ ही लोगों को धारा 151 के तहत कार्यवाही कर जेल भेजने की मंशा से पुलिस ने वाहन भी बुला लिया। 

 कतिया समाज संघ के दिनेश चौरसिया ने अधिकारियों से कहा कि आवेदन 3 दिन पहले दिया था, तब अधिकारियों ने इनकार क्यों नहीं किया। इससे पहले किन-किन लोगों ने आवेदन दिए किन्हे लिखित अनुमति दी गई है। अधिकारी खुद बताएं एसडीएम और तहसीलदार इसका कोई जवाब नहीं दे पाए।

एसडीएम ने संभाला मोर्चा-  रैली में उग्र हुए लोगों के कारण स्थिति जब तहसीलदार और थाना प्रभारी से नहीं संभली तो हरदा से एसडीएम श्रुति अग्रवाल एसडीओपी हिमानी मिश्रा जनपद सीईओ और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर भेजे गए। एसडीएम ने कहा कि पुलिस से हुई चर्चा के अनुसार आरोपी नितिन मीणा को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। सचिव के खिलाफ भी जानकारी लेकर विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज का 5 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल एसपी को ज्ञापन देकर अलग से चर्चा कर सकता है लेकिन रैली की अनुमति नहीं है इसलिए उन्हें नहीं जाने देंगे। 

प्रशासन की तानाशाही से उग्र हुए युवा- 

पुलिस प्रशासन की तानाशाही के विरोध में युवक अर्जुन हूरमाले माले ने कहा कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है। पीड़ित पक्ष की 3 दिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई सामाजिक दबाव के बाद रिपोर्ट लिखी लेकिन एफ आई आर की कॉपी नहीं दी मामले को बैलेंस करने के लिए सचिव की झूठी शिकायत पर पीड़ित अशोक के खिलाफ भी सरकारी काम में बाधा का केस दर्ज किया गया। दुर्गा प्रसाद उमरिया ने कहा कि अशोक के खिलाफ दर्ज झूठा केस वापस लिया जाए। सोहन बिल्लोरे ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। वहीं सोहन उमरिया ने कहा कि पुलिस उनकी आवाज दबा रही है 15 दिन में कोई कार्यवाही नहीं की। आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय समाज के लोगों को ही दबाया जा रहा है। संघठन के जे के चोलकर ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक हम मिलजुल कर संघर्ष करते रहेंगे। 

 इस संबंध में एसपी मनीष अग्रवाल ने कहा कि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है जिसकी जानकारी आज भी अधिकारियों के माध्यम से संगठन के प्रतिनिधियों को दी है। न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों से समाज के पदाधिकारी और सामाजिक लोग एकत्रित हुए थे।

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम सौपा ज्ञापन-

 एसडीएम को  राजपाल के नाम ज्ञापन सौंपा उपस्थितराष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युबा संघ  जिला अध्यक्ष राहुल पवारे, दुर्गादास उमरिया,सोहन बिल्लौरे,सोहन उमरिया,संजय बिल्लौरे,दिनेश चौरसिया तुकाराम बिल्लौरे गणपत चौरसिया सतनारायण मल्लारे दसरथ नागराज,अनिल दूधे अजय मंडलेकर, अधिवक्ता भगवानदास ढोके  शिवदयाल कुल्हारेे,पुरषोत्तम ओनकर  सहित समाज के लगभग 400 लोग मौजूद रहे।

ज्ञापन में की निम्न मांगे- 

01-फरियादी  पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला कायम किया उसे वापस लिया जाए।

02-आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी कर उसे जेल भेजा जाए।

03-ग्राम पंचायत सचिव मर्दानपुर के द्वारा थाने में कुछ राजनीतिक दबाव के कारण झूठी शिकायत की गई उसके निष्पक्ष जांच कि जाए।

04-भाजपा जिला अध्यक्ष अमर सिंह मीणा के पुत्र नितिन मीणा वेक्सिनेशन सेंटर पर क्यों पहुंचे,इसका क्या कारण है इसकी निष्पक्ष जांच की जाए।

05-कुछ राजनीतिक दबाव के कारण फरियादी पर काउंटर केस दर्ज किया गया वापस लिया जाए।

06-पंचायत सचिव के द्वारा ग्रामीणों के फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करवाए गए उसकी निष्पक्ष जांच की जाए।

07-पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए। 

08-ग्राम पंचायत सचिव जयनारायण राय को तत्काल निलंबित किया जाए ।

09-14/07/2021  फरियादी दोपहर 12:30 बजे शिकायत करने पहुंचे तो थाने की सीसीटीवी फुटेज निकाल कर जांच की जाए।

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