कतिया तू पिछे मत हटना....कवि हरेराम चौरे विकट

 

 कतिया तू  पिछे मत हटना



कतिया तू  पिछे मत हटना।

मत रुकना मत झुकना।।

अपनी आन पे मर मिटना। 

कतिया तू  पिछे मत हटना ।।


आज अगर कमजोर पड़ा, 

कभी संभल न पाएगा ।

जैसा हुआ है जुल्म तुझ पर, 

आगे भी ऐसा आएगा ।

स्वाभिमान है ये लड़ाई 

चाहे पड़ जाए कटना।

कतिया तू पीछे मत हटना ।।


इन चार दिनो के नेताओं का, 

मन मे खोप नही रखना। 

अपने अस्तित्व की बात है, 

ताल ठोक ठोक कर कहना। 

झूठ का जामा पहना न दे,

जो है सच्ची दुर्घटना।। 

कतिया तू पीछे मत हटना।। 


मौका है  दस्तूर भी है,

बस काम नेक कर देना है।

शत्रु कितना भी शातिर हो, 

अब मात उसी को देना है।

निरुत्तर कर दो जालिम को,

बम बारूद सा फटना।। 

कतिया तू पीछे मत हटना।। 


ये नेता तो कठपुतली हैं,

सारे अपने हाथ की। 

जितना ये मीठा बोले हैं,

उतनी ही तो घात की। 

हम भी इनको देख लेगे,

जब ये मांगेंगे वोट ना।

कतिया तू पीछे मत हटना।। 

हरेराम चौरे विकट 🌷🙏🌷

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