युवाओं में स्वाभिमान जाग्रत कर शक्ति का सदुपयोग करें!

 युवाओं में स्वाभिमान जाग्रत कर शक्ति का सदुपयोग करें!

 वीर आखाजी की जयंती के अवसर पर उपस्थित युवा

         युवा समाज की रीढ़ है । युवा समाज का आईना है जो समाज केे वर्तमान से भविस्य को निखारता है । आज चारों ओर युवा शक्ति का वर्चस्व है,युवा विचारों का बोलबाला है। सम्पूर्ण धरा युवा उर्जा की बौद्धिक क्षमता, कौशल, बाहुबल तकनीकी ज्ञान और नव उर्जा से ओत-प्रोत है। ऐसे समय में समाज को युवा की महती आवश्यकता है कि युवा-शक्ति के उत्साह, सामथर््य, शिक्षा बौद्धिक क्षमता, नई सोच सहित समग्र उर्जा का सदुपयोग किया जाये । यदि आज समाज के चहूमुखी विकास के लिए युवा उर्जा का सही अर्थों मंे उपयोग हो तो निश्चित ही चमत्कारी सार्थक एवं सकारात्मक परिणाम दृस्टिगत होंगे।

      इस सम्बंध में कतिया समाज के नवयुवक संघ के पदाधिकारियों से अपेक्षा करते हैं  कि वह कतिया समाज के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में समाजेत्थान के लिए कार्य योजना बनाकर साकार रूप में परिणित करेगें तो निश्चित ही उसका प्रभाव अन्य नगर, क्षेत्रिय समीतियों एवं नवयुवक संघ के क्रियाकलापों पर पडे़गा। वह भी समाज के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रयास करेंगे । युवाओं में जुनून ही नहीं जोश भी है  वह जिस कार्य को करने का संकल्प लेंगे उसमें शत-प्रतिशत सफलता अवश्य ही मिलेगी इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होना चाहिए । प्रायः देखा गया कि जहां अािर्थक चर्चा हुई उपस्थित पदाधिकारी बगलें झांकने लगते हैं ।यह स्थिति लगभग अन्य समाजों में भी होती है । परिणामतः मात्र चर्चा ही होकर रह जाती है । परिणाम शून्य, ऐसी परिस्थिति में सुझाव है कि हमसब मिलजुलकर कार्य करें और अनुमानतः बजट बनाकर समाज के बन्धुओं के समक्ष अपनी बात रखें, निश्चित ही उन्हें सफलता मिलेगी कोई भी मना नहीं करेगा । हां हमें समाजजनों एवं युवाओं में विश्वास जगाना होगा कि आपके द्वारा प्रदत्त धनराशि का सदुपयोग समाज हित में ही किया जा रहा है।

          सामाजिक बैठकों में लिये गये निर्णयों एवं विचारों को मूर्त रूप देने एवं उनका परिपालन  अविलम्ब होना चाहिए । निश्चित ही सपफलता मिलेगी। इस हेतु कार्यक्रमों का कलेण्डर बनायें जिसमें विभिन्न कार्यक्रम यथा- युवा गोस्ठी, विचार मंथन, युवा कैरियर मार्गदर्शन, युवाओं की समस्याओं पर वाद विवाद, के साथ ही हर सम्भव सहायता एवं खेलकूदों का आयोजन, तथा आर्थिक सहयोग करेंगे तो निश्चित ही युवाओं में समाज के प्रति जागरूकता आयेगी । शिक्षा के क्षेत्र में गाईड लाईन तथा रोजगार के अवसरों की खोज करने में सहायता युवाओं के लिये नितांत आवश्यक है । इस प्रकार की कल्पना केा अमली जामा पहनाने हेतु समाज के प्रबुद्धजों, शासकीय., अशासकीय, सेवारत अधिकारियों एवं प्रतिष्ठित जनमानस के द्वारा युवाशक्ति का भरपूर उत्साहवर्धन करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया जाये ।

आज आवश्यकता है समाज की इस प्रबुद्ध प्रतिष्ठित एवं पारंगत युवा-शक्ति को समाजोत्थान की गतिविधियों से जोड़ने के साथ ही प्रगति की ओर दिशा और दशा को दिग्दर्श करने की । आज उत्साह और उर्जा से परिपूर्ण सशक्त युवा शक्ति को अचूक अस्त्र बनाने की महती आवश्यकता है। इस महान उदृदेश्य की पूर्ति हेतु समाजोत्थान में युवाओ की रूचि जागृत कर समर्थ युवक-युवतियों की पहचान करनी होगी । उन्हें ससम्मान उनकी योग्यता क्षमता एवं अभिरूचि के अनुरूप समाज को नई दशा दिशा देने के उत्तरदायित्व सोंपने होगें । सामाजिक समारोह, संगठनात्मक गोस्ठियों में उनकी सक्रिय भागीदारी बढ़ानी होगी । विभिन्न सामाजिक आयोजन तथा स्नेह मिलन, स्वास्थ्य सेवा शिविर, प्रतिभा सम्मान आदि में प्रत्येक युवक-युवती पूरी निस्ठ से  जुड़ सकें तो यह समाज के लिए ईश्वरी प्रसाद से कम नहीं होगा ।

विजय चार्वे

 अतिथि सम्पादक

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