डॉ.भीमराव अम्बेडकर को समर्पित
झगड़े छोड़ी कलम उठाओ,परिवर्तन आ जायेगा।
शिक्षा को हथियार बनाओ,परिवर्तन आ जायेगा।
दारू छोडी ज्ञान बढ़ाओ,परिवर्तन आ जायेगा।
हर कीमत पर पढ़ी पढ़ाओ,परिवर्तन आ जायेगा।
मनुवादी साधू सन्यासी,ढोंगी पाखांडी पंडे।
जनम-जनम के दुश्मन है ये,मत थांमी इनके झंडे।
इनको हमसे काम चाहिए,सन्डे हो या मंडे।
इनके झांसे में ना आओ,परिवर्तन आ जायेगा।
दलित अछूतों के बच्चों को,कोई दुलार नहीं करता।
दलितों उज्जवल भविष्य,कोई स्वीकार नहीं करता।
दलित महापुरुषों का भी,कोई सम्मान नहीं करता।
इनके आगे सर ना झकाओ,परिवर्तन आ जायेगा।
कहने को तैतीस करोड़ देवता हैं.लेकिन कोई नहीं अपना।
कोई नहीं चाहता कि,दलितों का सच हो सपना।
सपना अपना सच करने को, खुद आगे आना होगा।
बात यही सबको समझाओ,परिवर्तन आ जायेगा।
मानवता के धर्म को मानो,कर्म को ही मानी पूजा।
माता पिता से बढ़के जग में,देव नहीं कोई दूजा।
भाला चाहते हो तो ऊँची,करली अपनी सीढ़ी को।
संसद तक पहुँचाओ, अपनी आने वाली पीढ़ी को।
नहीं गुजारा हो पाता है.गाँवो की मजदरी में।
आज भी गाँवो में देखो,जिन्दा है बस मजबूरी में।
खुद अपनी तुम राह बनाओ,परिवर्तन करते जाना।
महापुरुषों के बन अनुयायी,थोडा फर्ज निभा देना।
सुप्त समाज में क्रॉति लाकर,बाबा का कर्ज चूका देना।
तुम अपना कर्तव्य निभाओ,परिवर्तन आ जायेगा ।
क्रांतिकारी जय भीम! जय कतिया!! जय भारत! जय संविधान!!
संकलन-श्रीमती संघमित्रा राजेन्द्र दमाई दमाड़े निवास भुसावल