श्री आखा जी . श्री भाना जी
प्रहलाद सिंह चौरे - हरदाश्री आखा जी,आखा जी,आखा जी!श्री भाना जी,भाना जी,भाना जी !शरण म हम सब ख लीजो जी!खुशी स हम ख भरी दीजो जी !म्हारो समाज गरीब बहोत छे!गरीब बहोत छे,गरीब बहोत छे!धन धान्य स भरी दीजो जी !शरण म हम सब ख............
म्हारो समाज अज्ञानी बहोत छे !
अज्ञानी बहोत छे,अज्ञानी बहोत छे !
ज्ञान को परकाश कराई दीजो जी !
शरण म हम सब ख................
म्हारा समाज म दुर्गुण बहोत छे !
दुर्गुण बहोत छे,दुर्गुण बहोत छे !
सद्गुण स खूब ई भरी दीजो जी !
शरण म हम सब ख लीजो जी !
म्हारो समाज मारग भटकेल छे !
मारग भटकेल छे,मारग भटकेल छे !
भूल्या ख रहाव बताई दीजो जी !
हम सब ख शरण म .............
आप हमारा युग पुरुष छे !
युग पुरुष, इतिहास पुरुष छे !
हमारी भी गरिमा बढ़ाई दीजो जी !
शरण म हम सब ख ..............
श्री आखा जी,आखा जी,आखा जी !
श्री भाना जी,भाना जी,भाना जी !
हम सब ख शरण म लीजो जी !
खुशी स हम सब ख भरी दीजो जी !
प्रहलाद सिंह चौरे
हरदा