कतिया समाज बड़ी चोखी

                         कतिया समाज बड़ी चोखी


- भागीरथ गुजरभोज जी 

        ---००---

मेरी तो है कतिया समाज बड़ी चोखी,चोखार क्या जाने अचोखार क्या जाने ।

गुड़ी पड़वा को कतिया जयंती मनाये नौमी को श्रीराम की।

आखातीज आखा जी जयंती, मन मोहरत के ब्याह भी।।1।। मेरी तो है---

 

मास आषाढ़ फसलहुं फारिग हो, चौपड़ मन बहलायें।

श्रावणी गीत और डंडे लड़ाकर रक्षाबंधन भुजरिया भी मनायें।।2।। मेरी तो है---

 

भादों मास जन्माष्टमी मनाये नौमी नामदान गुरु से पाये।।3।। मेरी तो है---

क्वार कनागत आये पुरखों को जिमवायें।

देवी दशहरा धाम लगाकर जस पर नाच चावें। मेरी तो है कतिया---

 

रबी फसल बोने के लाने हल हांके हलुर हम गांवे ।

हेली हमारी मन में मगन हो बीज खुशी हो बोये।।।3।। मेरी तो है कतिया--

 

ग्यारस शयनी और उठनी बसंत पंचमी पर मन मोहरित शादी भी रचायें।

भानाजी की जयंती मनाकर युगल बनादें जोड़ी ।।4।। मेरी तो है कतिया----

 

फागुन माह फाग हम गांवे क्या नर क्या नारी।

कहे भागीरथ जाति कतिया का,हिलमिल त्यौहार मनाये ।।5।। मेरी तो है कतिया---

       **। इति ।**

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.