अब कोई जरुतमंद न भटके इसलिए 11 साल से लगातार कर रहे रक्तदान

 अब कोई जरुतमंद न भटके इसलिए 11 साल से लगातार कर रहे रक्तदान


 खुद ही हर 3 माह में रक्तदान करने ब्लड बैंक पहुंच कर रहा है रक्तदान



कतिया समाज ने 11 साल में 30 बार रक्तदान कर चुके विनोद सांगोले का किया सम्मान


  अखिलेश बिल्लोरे हरदा - एक युवक को उसके पिता की बीमारी के दौरान अनजान शहर में खून में लिए कई लोगों की मिन्नतें करनी पड़ी। तब से युवा ने संकल्प लिया कि इसके लिए वह अपने आप से बदलाव की शुरुआत करेगा। पीडित मानवता की मदद में लगे 30 वर्षीय विनोद सांगोले का कतिया समाज की बैठक में रविवार को पंढरीनाथ मंदिर में युवाओं ने सम्मान किया। साथ ही अन्य लोगों से आह्वान किया कि वे उनसे प्रेरणा लें। एक दुकान पर काम करने वाले विनोद सांगोले ने बताया एक बार उसके पिता की खंडवा में तबीयत खराब हो गई। डॉक्टरों ने खून की जरूरत बताई। उसने खून का इंतजाम करने बहुत जतन किए। अपनी उम्र के कई युवाओं से भी आग्रह किया, लेकिन भ्रम के चलते ज्यादातर ने खून देने में यह कहकर असमर्थता जताई कि इससे कमजोरी आती है। तभी से विनोद ने युवाओं को रक्तदान को लेकर बनी भ्रांति दूर करने व इसके लिए प्रेरित करने की शुरुआत की। इसके साथ ही उसने भी रक्तदान शुरू किया। अब 100 से ज्यादा युवा भी उसके साथ जुड़ चुके हैं। समाज ने किया सम्मान अन्नापुरा में स्थित कतिया समाज के पंढरीनाथ मंदिर में रविवार को युवाओं की बैठक हुई। इसमें समाज के सुनील चौरे, हुकुम बिल्लोरे, राहुल पवारे, उमाशंकर चावड़ा, पंकज सेजकर, निर्मल ढोके, सचिन डोंगरे आदि ने उनका पुष्पहार से सम्मान किया। इस मौके पर मौजूद अन्य युवाओं ने भी समय समय पर रक्तदान का संकल्प लिया।


 खुद ही हर 3 माह में रक्तदान करने ब्लड बैंक पहुंच कर रहा है रक्तदान-


 विनोद की मानें तो उसने 19 साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया। अभी उसकी उम्र 30 साल है। बीते 11 साल में वह 30 बार रक्तदान कर चुका है। विनोद का कहना है वह 3 माह से खुद ही रक्तदान करने ब्लड बैंक पहुंच जाता है। किसी अनजान व्यक्ति द्वारा संपर्क किए जाने पर भी वह तुरंत पहुंच जाता है। विनोद का मानना है कि रक्तदान यदि किसी की जान बचा सकता है तो हरेक को यह करना चाहिए।


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